📈 GST 2.0: नई कर व्यवस्था – क्या है बदलाव और कैसे होगा फायदा?
भारत सरकार ने 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाली जीएसटी 2.0 के तहत कर व्यवस्था में बड़े बदलावों की घोषणा की है। इससे न केवल आम आदमी को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापारियों और उद्योगों के लिए भी कई फायदे होंगे। आइए जानते हैं इस नई व्यवस्था के बारे में विस्तार से।
🔍 GST 2.0 में क्या है नया?
जीएसटी 2.0 के तहत कर स्लैब को सरल बनाते हुए केवल दो प्रमुख दरें निर्धारित की गई हैं:
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5% – आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं
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18% – अन्य सामान्य वस्तुएं और सेवाएं
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40% – विलासिता और हानिकारक वस्तुएं (जैसे तंबाकू, शराब, महंगी कारें)
इससे पहले के 12% और 28% स्लैब समाप्त कर दिए गए हैं, जिससे कर प्रणाली सरल और पारदर्शी हो गई है।
🛍️ आम आदमी को क्या मिलेगा फायदा?
नई जीएसटी व्यवस्था से निम्नलिखित वस्तुएं सस्ती होंगी:
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दूध, पनीर, रोटी – अब इन पर 0% या 5% जीएसटी लगेगा।
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स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम – अब इन पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
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टीवी, एसी, फ्रिज, वाशिंग मशीन – इन पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है।
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दवाइयां और जीवन रक्षक दवाएं – इन पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% या 0% कर दी गई है।
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स्कूल फीस – अब स्कूल फीस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
🏢 व्यापारियों और उद्योगों के लिए लाभ
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एमएसएमई और छोटे व्यापारियों – सरल कर प्रणाली से व्यापार करना आसान होगा।
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नौकरियों का सृजन – नई व्यवस्था से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा – निर्यातकों को भी राहत मिलेगी, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा।
🏗️ रियल एस्टेट क्षेत्र में बदलाव
सीमेंट और स्टील पर जीएसटी में कटौती से मकान खरीदने या बनाने वालों को दिवाली से पहले एक बड़ा तोहफा मिलेगा। इस फैसले से निर्माण सामग्री की लागत घटेगी, जिससे मकानों की कुल कीमत में कमी आएगी और खरीदारों को काफी बचत होगी। प्रोजेक्ट निर्माण की लागत कम होने से रियल एस्टेट सेक्टर में नई जान आएगी और डेवलपर्स को भी राहत मिलेगी। इसके चलते फेस्टिव सीजन के दौरान मकानों की मांग में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे बाजार में बूम देखा जा सकता है।
📅 बदलाव कब से लागू होंगे?
नई जीएसटी व्यवस्था 22 सितंबर 2025 से लागू होगी, जो नवरात्रि के पहले दिन से मेल खाती है।
📝 निष्कर्ष
GST 2.0 भारत की कर व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण सुधार है, जो आम आदमी, व्यापारियों और उद्योगों के लिए फायदेमंद साबित होगा। सरल और पारदर्शी कर प्रणाली से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

